कुछ दिल ने कहा.. आ आ..
कुछ भी नही ... ई ई
कुछ दिल ने सुना ... आ आ
कुछ भी नही ....ई ई
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा.. आ आ..
कुछ भी नही ....ई ई
लेता है दिल अन्ग्दायिन्यान
इस दिल को समझाए कोई
आरमान न आँखें खोल दे
रसुवा न हो जाए कोई
पलकों की ठंडी सेज पर
सपनों की परियां सोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा आ आ
कुछ भी नहीं ..
दिल की तसल्ली के लिए
झूटी चमक झूठा निखार
जीवन थो सूना ही रहा
सब समझे आई है बहार
कलियों से.. कोई पूछता ...
हस्तीं हैं वोह या रोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा ...
कुछ भी नही ....ई ई ...
कुछ दिल ने सुना आ आ ..
कुछ भी नही ....ई ई ॥
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