Tuesday

मन मोहना - जोधा अक्बर

जोधा अक्बर
बेला शिंदे
जावेद अख्तर
ऐश्वर्या राई , हृथिक रोशन

मन मोहना.... मन मोहना....
कान्हा सुनो ना...आ आ ....
तूम बिन पाऊँ कैसे चैन
तर्सून तुम्हे दिन रैन

छोडके अपनी काशी मथुरा
छोडके अपनी काशी मथुरा
आके बसाओ मोरे नैन
तुम बिन पाऊँ कैसे चैन... कान्हा....
तर्सून तुम्ही को दिन रैन....

इक पल उजयारा आए
इक पल अंधियारा छाए
मन क्यों ना घबराए
कैसे ना घबराए
मन जो कोई द्वारा अपने राह में पाये...
कौन दिशा जाए....
तुम बिन कौन समझाये..
तुम बिन कौन समझाये...

रास राचयारा ब्रिन्दावन के गोकुल के बासी
राधा तुम बिन है दासी दर्शन को है पयासी
शाम सलोने नंद लाला कृष्ण बनवारी...
तुमरी चब है न्यारी....
मैं तो तन मन हारी...
मैं तो तन मन हारी

मन मोहना...
मन मोहना...
मन मोहना...
मन मोहना...
कान्हा सुनो ना
तूम बिन पाऊँ कैसे चैन

तर्सून तुम्ही को दिन रैन

जीवन एक नदिया है
लहरों लहरों बहती जाए
इस में मन की नयया
डूबे कभी थार जाए
तुम ना की बय्याँ हो तो
कोई that कैसे पाये
मझदार बहलाए
तो तुमरी शरण आए
हम तुमरी शरण आए

मैं हूँ तुम्हारी
है मेरा ये जीवन
तुम को ही देखूं मैं
देखुन to yeh दर्पण

बंसी बन जाऊंगी
इन होतों की होजाऊँ गी
इन सपनों से जल कर
है मेरा मन आँगन
है मेरा .....




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